अगर पढ़ते समय नींद आने की समस्या से हैं परेशान तो अपनाइये इन 9 टिप्स को

पढ़ाई एक ऐसा काम है जिससे बच्चे हमेशा भागते हैं क्योंकि जैसे ही वे पढ़ने बैठते हैं नींद आना शुरू हो जाती है। बहुत बोरिंग माने जाने वाले पढ़ाई के दौरान नींद आने की समस्या से लगभग हर कोई स्टूडेंट परेशान रहता है। अगर आप भी पढ़ने की इच्छा रखते हैं लेकिन पढ़ते-पढ़ते सो जाते हैं तो हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताने वाले हैं जिनकी सहायता से आप पढ़ते समय नींद आने की समस्या को रोक सकते हैं और पढाई में फोकस बनाकर एग्जाम में अच्छा स्कोर कर सकते हैं। 

पढ़ते समय नींद आने के कारण

पढ़ते समय नींद आना बहुत स्वाभाविक माना जाता है क्यूंकि पढाई एक ऐसा कार्य है जिसे करना सरल नहीं। बच्चे छोड़िये बड़े भी अगर कुछ पढ़ने बैठे तो अधिक देर तक खुद को फोकस नहीं रख पाते। इस बात से तो हम सब वाकिफ है की ‘पढ़ाई की जरूरत क्यों है’। व्यक्तिगत बुद्धि का विकास और समाज में एक प्रतिष्ठित मुकाम हासिल करने के लिए पढ़ाई को बहुत महत्वपूर्ण समझा जाता है। 

पढाई एक ऐसा जरिया है जो न केवल आपको जागरूक बनाता है बल्कि आपको भविष्य की अनिश्चितता भरी चुनौतियों से लड़ने में भी मदद करता है। इसलिए नींद आने की समस्या से बचने के उपाय जानने के पहले ये जान लेते हैं की ‘पढाई करते वक़्त बच्चो को नींद क्यों आती है’। इसकी दो मुख्य वजहें है। 

1.  पढाई में इंटरेस्ट का न होना 

अब ये बात तो जगजाहिर है कि इंटरेस्ट किसी भी काम को ज्यादा रुचिकर बना देता है। मतलब अगर आप कुछ कर रहे हैं तो इसमें आपकी रुचि का होना बहुत जरूरी है। अगर आप कोई भी काम बस फॉर्मेलिटी पूरी करने के लिए कर रहे हैं तो इस बात की संभावना बहुत अधिक है की उसे आप अधिक समय तक न करें। इसके पीछे का विज्ञान बहुत सरल है। 

उदाहरण के तौर पर आप फिल्मों को ले सकते हैं। आप जब भी फिल्म देखने बैठते हैं, उससे बोर नहीं होते। ऐसा इसलिए होता है क्यूंकि फिल्में देखने के दौरान उसमे आप इंटरेस्ट ले रहे होते हैं। आप खुद को फिल्मों के किरदार के साथ रिलेट कर पाते है। लेकिन पढाई के साथ ऐसा नहीं है आपने नोटिस किया होगा कि सब्जेक्ट के विषयों में रूचि न होना पढ़ाई को काफी बोरिंग बना देता है। इसलिए अगर आपका पढाई में मन नहीं लगता तो इसका एक बड़ा कारण पढाई में आपके रूचि का न होना है। 

2. अनियमित दिनचर्या और थकान

पढाई में मन नहीं लगने का अगला कारण अनुचित दिनचर्या और थकान को माना जा सकता है। ऐसा नोटिस किया गया है की अगर आप एक निश्चित रूटीन को फॉलो नहीं करते तो आप पढ़ाई में consistent नहीं रह पाते हैं। सोने-उठने, खाने-पीने, खेलने-कूदने आदि का एक उचित समय नहीं होना जीवन के तालमेल को बिगाड़ देता है। इसलिए आपको हमेशा निश्चित दिनचर्या का पालन करना चाहिए। 

आपने ऐसे बहुत से लोगो को देखा होगा जिनका सेल्फ कॉन्फिडेंस जबरदस्त होता है जिसकी बदौलत वह एग्जाम में अच्छा स्कोर कर लेते हैं और कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ते जाते हैं। तो सेल्फ कॉन्फिडेंस आता है रूटीन और नियमित दिनचर्या को फॉलो करके। इसके अलावा थकान भी आपके पढ़ने की रूचि को गहरे तौर पर प्रभावित करता है। अधिक थके होने की स्थिति में आप बेहतर तरीके से नहीं पढ़ पाते हैं। 

इस तरह से पढाई में मन नहीं लगने के ये दो मुख्य कारण है जिसपर काम करके पढ़ने की आदत में सुधार किया जा सकता है। 

पढाई में मन लगाने के टिप्स 

1.  नियमित दिनचर्या का पालन 

सफलता की सबसे पहली सीढ़ी अनुशासन को माना जाता है। अगर आप अपने जीवन में एक नियमित दिनचर्या का पालन करते हैं तो आपको जीवन में सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। आपको हमेशा खुद को तराशते जाना है। इसके लिए नियमित दिनचर्या का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण समझा जाता है। आप अपने कार्य को कितने सिद्दत से करते हैं इसकी पहचान आपके नियमित व्यवहार में झलकती है। नियमित दिनचर्या से आपका शैक्षणिक प्रदर्शन निसंदेह बेहतर होगा। इसलिए नियमितता को अपने जीवन का हिस्सा बनाये। 

2. भोजन में अनुशासन का समावेश 

भोजन लेने में अनुशासन का होना बहुत जरूरी है। अगर आप कुछ भी और कभी भी खा लेते हैं तो इसकी संभावना बहुत अधिक है की आप अपने जीवन को बहुत हल्के में लेते हैं। भोजन करने के लिए अनुशासन को अपने जीवन का हिस्सा बनाये। आपको हमेशा ऐसा भोजन करना है जो आपकी पढाई में बाधा न बने। अर्थात हलके भोजन को प्राथमिकता देनी है। उदाहरण के तौर पर अगर आपको पढ़ाई करने बैठना है तो कोशिश कीजिए की आप हल्का और सात्विक भोजन लें। 

3. पर्याप्त नींद लेना है जरूरी  

नींद का आपकी पढ़ाई से बहुत करीब का रिश्ता है। अपर्याप्त नींद आपकी पढाई में बाधा बन सकती है। इसलिए अपनी पढ़ाई को निर्बाध रूप से जारी रखने के लिए आपको हमेशा उचित नींद लेनी चाहिए। एक स्टूडेंट को प्रतिदिन करीब 6-8 घंटे की नींद लेनी बहुत जरूरी है। इतनी नींद पर्याप्त होता है दिन भर की थकान मिटाने के लिए। साथ ही इससे आपको इतनी ऊर्जा मिल जाती है की आप बाकी के दिनभर का काम आसानी से कर सके। 

4. कमरे की रोशनी को न करे नज़रअंदाज 

कमरे की रोशनी एक बहुत बड़ा फैक्टर है पढाई में। अगर आपके कमरे की लाइट बहुत मंद है तो इसका सीधा प्रभाव आपकी पढाई पर नज़र आएगा। इसके उलट अगर आपके कमरे की लाइट अधिक तेज है तो इसका भी बहुत प्रभाव पड़ने वाला है आपकी पढाई पर। लाइट सीधा आपके मस्तिष्क पर असर डालती है और आपके एक्शन   को प्रभावित करती है। इसलिए कमरे में हमेशा उचित लाइट की व्यवस्था बनाए रखें। 

5. बोलकर पढ़ना भी करेगा मदद 

वैसे कई लोग होते हैं जिन्हे बोलकर पढ़ने में दिक्कत होती है क्यूंकि इससे उनका ध्यान भटकता है। लेकिन पढाई के दौरान नींद आने की समस्या से छुटकारा पाने में, बोलकर पढ़ने से आपकी बहुत अच्छी मदद हो सकती है। आपको हमेशा उन टॉपिक को बोलकर पढ़ना है जो आपको कठिन लगते हैं इससे उन विषयो के कांसेप्ट आपको रट जायेंगे और साथ ही आपको नींद भी नहीं आएगी। 

6. पानी की उचित मात्रा लें 

पानी हमारे जीवन का आधार है अगर पानी न हो तो किसी भी जीव का अस्तित्व नहीं होगा। इसलिए आपको पानी की एक उचित मात्रा लेनी है। दिनभर में एक व्यक्ति को 2 से 3 लीटर पानी पीना चाहिए। इससे हमारे बॉडी को पर्याप्त मिनरल और लिक्विड मिल जाते हैं की वह बॉडी के फंक्शन को सही से परफॉर्म करता रहे। साथ ही पानी आपको हाइड्रेट भी रखता है। इसलिए पानी पीने का सही तरीका यही है की आप दिनभर में लगभग 6-8 गिलास पानी पीएं।  

7. पढाई के लिए उचित स्थान का चुनाव 

कुछ लोग बहुत ही बेढंगे तरीके से पढ़ते हैं, मसलन कहीं भी और कभी भी पढाई स्टार्ट कर देते हैं। पढ़ने का यह तरीका बिल्कुल सही नहीं है। आपको हमेशा पढ़ने के लिए एक उचित स्थान का चुनाव करना है। क्योंकि पढाई करने के दौरान आपको विचारो के एक श्रृंखला से गुजरना पड़ता है जिसको आप तब ही ग्रहण कर सकते हैं जब आप आरामदायक स्थान पर बैठे हो, जिससे आप पहले से परिचित हो। 

8. मेडिटेशन उलझन से बचाएगा 

मेडिटेशन के फायदे से कौन अवगत नहीं है। आज के समय में मेडिटेशन न केवल भारत में बल्कि भारत के बाहर भी लोगो को उनकी मानसिक तनावों से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित हो रहा है। मेडिटेशन करने की आदत आपको अपनी पढ़ाई की क्रिया पर फोकस करने में मदद करती है साथ ही आपके सर्वांगीण मानसिक विकास में भी सहयोग करती है। इसलिए पढ़ाई में बेहतर परफॉर्म करने के लिए मेडिटेशन करने की आदत जरूर डालें। 

9. कोर्स से हटकर पढ़ना भी होगा मददगार 

कॉमिक बुक्स, कार्टून, फिल्में या टीवी सीरियल बच्चों को खूब भाते हैं। इसके पीछे का सीधा कारण इनमे मनोरंजन का तड़का माना जाता है। मसलन ये आपको कभी भी बोर नहीं करती इसलिए इन्हे आप लगातार घंटो तक बिना बोर हुए देख सकते हैं। कभी-कभी पढाई के दौरान अपनी कोर्स की किताबों को छोड़कर आपको ऐसी किताबें भी पढ़नी चाहिए जो आपको पसंद हो। जैसे आप चाहे तो हिंदी नॉवेल, कॉमिक बुक, सीरियल या कोई पसंदीदा कहानी को पढाई के बीच में खुद को रिफ्रेश करने के लिए पढ़ सकते हैं।

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