अगर आप भी सिगरेट की लत से परेशान है और इसको छोड़ना चाहते है तो आप बिलकुल सही लेख पढ़ रहे है हम यहां आपको सिगरेट से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य बताएँगे और साथ ही सिगरेट का हमारी बॉडी पर क्या बुरा प्रभाव पड़ता इस से भी अवगत कराएँगे। इस लेख में आप जानेंगे उन महत्वपूर्ण तरीको को जिनका उपयोग करके आप सिगरेट पीने की लत से छुटकारा पा सकते है।
धूम्रपान करना एक ऐसा रोग है जिसको इसका सेवन करने वाले मात देना चाहते है लेकिन इसके लत के कारण मात नहीं दे पाते। ये हर कोई जानता है की सिगरेट सेहत के लिए हानिकारक है। सिगरेट के पैक पर भी लिखा होने के बावजूद सिगरेट का सेवन बहुत आम है। सिगरेट पीना आज के एक बहुत बड़ी सामाजिक बुराई में से एक है लेकिन इसके साथ ये भी देखा जा सकता है की बहुत से लोग तो बस सोशल स्टेटस और लोग के बीच अपना रुतवा बढ़ाने के लिए सिगरेट पीते है। इसमें कोई गुंजाईश नहीं है की सिगरेट पीने से न केवल सामाजिक और मानसिक दुष्प्रभाव देखने को मिलते है अपितु इसके आर्थिक दुष्परिणाम भी बहुत अधिक है। WHO के अनुसार दुनिया में 1.3 अरब एक्टिव स्मोकर्स है। स्मोकिंग करने के पीछे जो तर्क दिया जाता है वो है की इस से दिमाग शांत रहता और stress और anxiety से छुटकारा पाने में आसानी होती है। लेकिन जो लोग ऐसा तर्क देते है वो भूल जाते है की ये सब केवल कुछ समय के लिए होता है यदि लम्बे समय में सिगरेट के दुष्परिणामों की चर्चा की जाए तो ये व्यक्ति के लिए धीमा ज़हर का काम करता है। सिगरेट पीने वाले न केवल अपना नुक्सान करते है बल्कि वो अपने आस-पास के लोगो को भी passive smoking के द्वारा प्रभावित करते है। सिगरेट पीने की लत कई बार आदमी को मौत के मुँह तक ले जाती है जहाँ से वापिस रिकवर करना बहुत मुश्किल होता है। अगर सिगरेट पीने की लत एक बार लग जाये तो इसको छुड़ाना बहुत मुश्किल है लेकिन नामुमकिन नहीं। अगर संकल्प कर लिया जाए तो सिगरेट की बुरी आदात को भी छोड़ा जा सकता है।
जब भी सिगरेट को पीने के लिए जलाया जाता है तब उसमे से बहुत तरीके के हार्मफुल गैस निकलते है जो बॉडी को तबाह या बर्बाद करने के लिए काफी है। जो लोग शौखिया या टशन या फिर टेंशन में सिगरेट पीते है उनको हो सकता है की सिगरेट पीते समय इसके दुष्परिणामों के आभास न हो लेकिन जैसे जैसे समय बीतता जाता है इसका शरीर पर प्रभाव नज़र आने लगता है जिसको कई बार ठीक करना भी संभव नहीं हो पाता और केस बहुत ही ज्यादा क्रिटिकल हो जाता है। डेली सिगरेट पीने से जो टॉक्सिन्स बॉडी में एकत्रित हो रहे होते है और जब उनका परिणाम सामने आता है तब बहुत बार guilt और दुःख होता है की सिगरेट की लत लगी ही क्यों ? इस लेख में हम आपको सिगरेट से कैसे छुटकारा पाया जाए, इस से सम्बंधित जानकारी मुहैया करवाएंगे। लेख पढ़ने के बाद आप इन सुझावों पर अमल करके अपनी इस समस्या से छुटकारा पा सकते है।
Table of Contents
हम धूम्रपान क्यों शुरू करते हैं – Why do we start smoking
1. दोस्त के कहने पर – When friend forces
इसमें कोई संदेह नहीं की कोई भी जब अपनी लाइफ में पहली बार सिगरेट पीता है तो अपने फ्रेंड के कहने पर ही या उसके द्वारा ज़िद किये जाने पर। वो न चाहते हुए भी अपने दोस्त के बोलने पर सिगरेट की एक कश मार ही लेता है। लेकिन यही पहली भूल उसको ज़िन्दगी भर के लिए सिगरेट का ग़ुलाम बना देती है। एक बार शुरू हुआ ये सिलसिला फिर शायद ही थम पाता है। उसके बाद तो व्यक्ति सिगरेट का आदि हो जाता है और अपनी मर्ज़ी के हिसाब से रोज पीना शुरू कर देता है। ये सबसे बड़े कारणों में से एक है जहा सिगरेट पीना स्टार्ट किया जाता है।
2. सामाजिक स्थिति – Social status today’s trend
आज कल के जिस वातावरण में हम रह रहे है उसमे ये कहना गलत नहीं होगा की आज सब दिखावे की दुनिया में जी रहे है जहाँ लोगो को अपनी लाइफ में कम और दुसरो की लाइफ में ज्यादा इंटरेस्ट है और वो उनसे स्टेटस में आगे बढने की फ़िराक में लगे रहते है अब उसके लिए अगर उन्हें दिखावा भी करना पड़े तो वो नहीं चूकते है। आज कल दौर में खासकर युवाओ में सिगरेट पीना का चलन सिर्फ इसलिए बढ़ गया है क्यूंकि वो मानते है की इस से वो ‘ कूल ‘ लगते है और यही आज का ट्र्रेंड भी है। ये भी सिगरेट स्टार्ट करने के कुछ बड़े मूल कारणों में एक है खासकर युवा पीढ़ी की बीच, जिन्हे सही गलत की समझ से ज्यादा अपने स्टेटस की फ़िक्र होती है ।
3. आत्म-संयम – Self Control
खुद पर आत्म संयम का हवाला देकर सिगरेट पीना स्टार्ट करने वालो की भी कमी नहीं है। ऐसे लोगो को ये लगता है की उनका उनपर पूरा कण्ट्रोल है और वो अगर एक बार सिगरेट पी भी ले तब भी वो जब चाहे तब उसको छोड़ सकते है। लेकिन अक्सर ऐसा होता नहीं है एक बार अगर कोई सिगरेट को पीना स्टार्ट कर देता है तब सिगरेट को छोड़ पाना बहुत ही मुश्किल होता है। लेकिन ये भी एक बहुत बड़ी ग़लतफ़हमी है जिसमे आज के युवा फंसे हुए है।
4. दोस्तों के बीच प्रतियोगिता – Competition between friends
दोस्तों की बीच में आपस में टशन मारने के लिए भी कई बार सिगरेट को पी लिया जाता है जहाँ ये दिखाने की कोशिश की जाते है की कौन कितना ज्यादा सिगरेट पी सकता है। ये भी सिगरेट की तरफ बढ़ते रुझान का ही नतीजा है। दोस्तों के बीच अक्सर ऐसी प्रतियोगिता होती रहती है। इस ट्रेंड को बड़े ही आसानी से हम अपने आस-पास घटित होते हुए देख सकते है। सिगरेट पीने की ललक जितनी वयस्क लोगो में देखने को मिलती है उतनी ही नाबालिग युवक और युवतिओं में देखने को मिलती है।
5. अवसाद और दबाव – Depression and pressure
बहुत लोग जो सिगरेट पीते है वो तर्क देते है की सिगरेट पीने से वो अवसाद और दवाब से कुछ राहत महसूस करते है जिस कारण से वो रेगुलर सिगरेट पीते है। उनका मानना होता है की उनके पास काम का इतना बोझ होता है की उसकी टेंशन को सहन करने के लिए उन्हें सिगरेट का सहारा लेना पड़ता है। लेकिन वो जब ऐसा कहते है तो वे भूल जाते है की सिगरेट से क्षणभंगुर राहत मिलती है कुछ समय बाद तो उन्हें वापिस से वही दबाव और चिंता से गुज़ारना पड़ेगा। ये तर्क सिर्फ सिगरेट पीने के बहाने भर होते है। इसका वास्तविकता में उतना महत्व नहीं क्यूंकि कुछ समय बाद वही state वापिस आ जाती है जिस कारण से ये नहीं कहा जा सकता की इस से कुछ खास फायदा होता है। और तो और भविष्य में इसके जो भारी दुष्परिणाम होते है उसका तो कोई ख्याल ही नहीं करता।
6. सिगरेट व्यावसायिक पेशेवरों को रात में जागते रहने में मदद करती है – Cigrette helps business professionals to stay awake at night
जो लोग अपने काम के कारण अधिक रात तक जागते है उनका भी कुछ ऐसा ही मानना है की सिगरेट पीने से रात में जागने में आसानी होती है जिस कारण वो सिगरेट पीना पसंद करते है। सिगरेट पीने से उन्हें रात में जागकर काम करने में सहूलियत मिलती है। लेकिन बात फिर वही आ जाती है की अगर आप चाहे तो बिना सिगरेट पीये भी रात में जाग सकते है अगर आपको कुछ पीना ही है तो रात में कॉफ़ी पीकर काम कीजिये, उस से भी नींद नहीं आती है।
7. अभिनेता और खिलाड़ी से प्रभावित – Influenced by actors and sportsman
जिस तरीके से फिल्मों में एक्टर्स को सिगरेट पीते हुए दिखाया जाता है उस से हमारे युवा पीढ़ी पर गलत प्रभाव पड़ता है। ये एक्टर्स और खिलाड़ी सिगरेट का जो प्रचार करते है उस से भी युवाओ में इसको पीने की ललक बढ़ती है। अधिकतर समय ऐसा देखा गया है की जो लोग सिगरेट पीने का बचाव करते है वो तर्क देते है की ‘फलाना एक्टर भी तो सिगरेट पीता है और अगर वो सिगरेट पी सकता है तो हम भी पी सकते है’। इस तरीके से युवाओ में सिगरेट पीने का चलन बहुत अधिक बढ़ता चला जाता है।
धूम्रपान के दुष्परिणाम – Side effects of smoking
1. यह आलस्य बढ़ाता है और सुस्ती पैदा करता है – It increases laziness and makes lethargic
अधिकतर लोग धूम्रपान केवल इसलिए करते है क्यूंकि उनको लगता है की इस से उनका आलस्य दूर होगा और वो अपना काम पूरे फोकस से कर पाएंगे लेकिन सच ये है की सिगरेट की ये खूबी सिर्फ क्षण भर के लिए होती ultimately ये आपको बीमार करते जाता है। आपके भीतर की क्षमताओं को ख़त्म करना और आपमें सुस्ती बढ़ाने का काम करता है। इस से आप पहले से ज्यादा परेशानी में पड़ जाते है जिसमे आपको अपनी सुस्ती का सही कारण पाता नहीं लग पाता और आप सिगरेट पीते रहते है। धूम्रपान के सबसे बड़े दुष्परिणामों में से आलस्य और सुस्ती पैदा करना इसका सबसे बड़ा दुष्परिणाम है।
2. कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली – Weakend immune system
लम्बे समय तक धूम्रपान करते रहने से जो एक समस्या सामने देखने को मिल सकती है वो है कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली की जिसमे आप की प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर हो जाती है और आप बीमारियों की जद में जल्दी आ जाते है। आजकल बिजी लाइफ और गलत खान पान एवं सिगरेट का अत्यधिक सेवन हमारी शारीरिक क्षमताओं को कमजोर करत्ते जाते है। इस बीच जो लोग भी सिगरेट का सेवन ये सोच के करते है की वो डेली सिगरेट पीते है और उनपर उसका कुछ ख़ास फरक नहीं पड़ रहा है, ऐसे लोगो को सोचना होगा की एक ये स्लो पॉइज़न की तरह है इसके दुष्परिणाम देर से ही सही लेकिन दिखते जरूर है।
3. दृष्टि समस्या – Vision problem
धूम्रपान के बहुत सारे दुष्परिणामों में से एक है दृष्टि समस्या की समस्या। यदि बहुत बार जो लोग निरंतर स्मोकिंग करते उन लोगो में विज़न की समस्या भी देखने को मिलती है जहाँ उनकी आखों की रौशनी कमजोर हो जाती है। ऐसी समस्या न केवल उम्रदराज लोगो में बल्कि आजकल युवाओ में भी बहुत देखने को मिलती है।
4. ढीली त्वचा और झुर्रियाँ – Loose Skin and Wrinkles
आजकल के दौर में जहाँ दिखावा ही सबकुछ है खासकर चेहरे की सुंदरता उसमे अगर सिगरेट पीने से स्किन ख़राब होने लग जाए तो ये बहुत बड़ा इशू हो जाता है की किस प्रकार से इसको ठीक किया जाए लेकिन जो लोग भी सिगरेट का बहुत अधिक मात्रा में सेवन करते है उनकी स्किन सुस्त और बेजान हो जाती है जिस से उनकी परेशानियों न केवल शारीरिक रूप से बल्कि आर्थिक रूप से भी बढ़ जाती है।
5. धूम्रपान लत की तरह है – Smoking is addictive
इसमें कोई संदेह नहीं की धूम्रपान एक लत की तरह है जहाँ अगर किसी व्यक्ति को इसकी लत एक बार लग जाए तो उसके लिए इसको छोड़ना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। अगर उसको एक रेगुलर इंटरवल पर सिगरेट न मिले तो उसमे बेचैनी होने लग जाती है। वो सिगरेट के बिना रह ही नहीं सकता है। ऐसा हर उस शख्स को झेलना पड़ता है जिसको सिगरेट पीने की लत लगी हुई है। धूम्रपान की लत धूम्रपान के बहुत बड़े साइड इफेक्ट्स में से एक है जहां पर आपको हर तरह से खुद से ही लड़ना होता है अपने मस्तिष्क को काबू करना होता है ताकि आप धूम्रपान लत से बाहर आ जाओ।
सिगरेट पीना कैसे छोड़े – हिंदी में How to quit smoking
1. स्मोकिंग छोड़ने की तारीख तय करें – Decide quit date of smoking
सिगरेट पीना छोड़ने के लिए सबसे पहले तो आपको एक तिथि तय करनी है की किस दिन आप छोड़ना चाहते है मतलब आपको खुद को टारगेट देना है की मैं इस दिन तक सिगरेट फ्री हो जाऊंगा और उसके बाद सिगरेट को हाथ भी नहीं लगाऊंगा। ये सबसे महत्वपूर्ण काम है। हमेश आप कम से कम ३-४ हफ्ते के बाद का टाइम सेट कीजिये ताकि आपको छोड़ने के लिए पूरा टाइम मिले लेकिन अगर आप एक दिन में छोड़ना चाहोगे तो मुश्किल होगा।
2. रोज सिगरेट का सेवन कम करते जाए – Reduce cigarette consumption daily
एक बार में सिगरेट पीना छोड़ना बहुत कठिन काम है लेकिन अगर आप में संकल्प शक्ति अच्छी हो तो आप इस काम को बहुत अच्छे से कर सकते है। कभी भी जल्दबाज़ी में एक दिन में ही सिगरेट छोड़ने का फैसला न करे। हमेश एक बार अच्छे से खुद को तैयार कर लें उसके बाद ही एक एक स्टेप फॉलो करके सिगरेट को छोड़ें। पहले दिन से आप अपने सिगरेट उपभोग की संख्या को कम करते जा सकते है और लास्ट तक पहुंचते पहुंचते आप सिगरेट को छोड़ चुके होंगे।
3. धूम्रपान से जुड़ी यादें मिटाना – Deleting memories related to smoking
जब भी आप स्मोकिंग छोड़ने की कोशिश करेंगे तो आपके ऊपर एक मेन्टल प्रेशर रहेगा जो आपको स्मोकिंग को छोड़ने से रोकने का काम करेगा लेकिन आपको खुद को तैयार करना है। स्मोकिंग से जुडी जितनी भी यादें है, आपको उनको भुलाना होगा ताकि आप अपनी मंज़िल की तरफ बढ़ सके, और स्मोकिंग के इस मायाजाल से बाहर निकल सके।
4. स्वयं को प्रेरित करे – Motivate yourself
आप जब भी स्मोकिंग को छोड़ने की कोशिश में होंगे तो आपको बहुत तरह की मानसिक परेशानी होंगी, आपको बस सब कुछ को इगनोर करते जाना है और खुद को मोटीवेट करते रहना है। क्यूंकि स्मोकिंग छोड़ने के लिए ये बहुत आवश्यक है की आप हमेशा अपने संकल्प के प्रति ईमानदार और वफादार बने रहे। स्वयं को मोटीवेट करने के लिए आप कोई भी मोटिवेशनल स्टोरी या बुक पढ़ सकते है जो आपकी बहुत मदद करेगा। एक बार जब आप अपने mindset को पूरी तरह से बदल देंगे तब आपको इस काम को अंजाम देने से कोई भी नहीं रोक सकता।
5. व्यवहार करें कि आपने धूम्रपान छोड़ दिया है और जब कोई धूम्रपान करता है तो आपको परेशानी होती है – Behave that you have quit smoking and have trouble when someone smoke
जब आप अपने goal की तरफ बढ़ रहे होंगे उस समय बहुत सारे विचार आपके मन को घेर लेंगे जहां आपको काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है ऐसी स्थिति में आपको खुद के सामने ऐसा व्यवहार करना है की आपने स्मोकिंग छोड़ दी है। आपका स्मोकिंग से कोई वास्ता नहीं है। अगर आप बाहर भी है और कोई आपके सामने स्मोक करता है तो आपको उसको सामने खांसने की एक्टिंग करनी है जिस से आपके मन में एक पाजिटिविटी आएगी की आप सही रस्ते पर है और आप स्मोकिंग से जल्द मिक्ति पा लेंगे।
निकोटीन वापसी के लक्षण – Nicotine Withdrawal symptom
यहां पर वापसी के लक्षण या Withdrawal symptom से मतलब है की आपने जब एक बार स्मोकिंग छोड़ने की बात सोच ली और उसपे अमल करने लग गए तो आपको शुरुआत में निकोटीन nicotine के वापसी के कारण, आप बहुत चिढ़चिढ़े, उदास, तनाव, अनिद्रा से ग्रसित महसूस कर सकते है लेकिन ये सब कुछ, कुछ ही समय के लिए होगा एक बार जब कुछ समय बीत जायेगा तब आप बेहतर महसूस करने लगेंगे। जब आपको ऐसा लगने लगे तो आप जोरो से छींक सकते है, जोर से छींकना फेफड़ों को साफ करने का प्राकृतिक तरीका है। ये सब कुछ, कितना दिन तक चलेगा ये निर्भर करता है की आपने स्मोकिंग कितने लम्बे समय तक किया है।
धूम्रपान की लालसा को कैसे रोकें – How to stop smoking craving
स्मोकिंग की लालसा को रोकने का सबसे बेहतर तरीका है की जब भी आपको ऐसा लगे की आपको स्मोक करने का मन कर रहा है तब आप अपनी तलव को कण्ट्रोल करने का प्रयास कीजिये और आपको कोशिश करनी है की आप उसी समय अपने दिमाग को किसी दूसरी जगह पर लगा दे जिस से आप उस समय खुद को smoking craving से बचा पाएंगे।
इसके अलावा आप एक लम्बी गहरी सांस भी सकते है जिस से आपके बॉडी में ऑक्सीजन सप्लाई बढ़ेगी और वो आपके संकल्प शक्ति को बढ़ाने का काम करेगी। आपको बस अपने संकल्प पर अडिग रहना और आप इस काम को आराम से कर पाएंगे।
स्मोकिंग क्रेविंग आने पर आप पानी भी पी सकते और आपको एक रूटीन बनाना होगा जिस में ये मेंशन होना चाहिए की क्रेविंग आने पर आप पानी पीयेंगे और खुद को रिलैक्स करेंगे। इसके अलावा आप उसी समय किसी से डिस्कशन भी स्टार्ट कर सकते है जिस से आपको अपना टाइम मैनेज करने में सहूलियत मिलेगी और आप craving को भी रोक पाएंगे।
कुछ दिनों के बाद relapse कैसे हो सकता है – How relapse can happen after few days ?
इसका मतलब होता जब आप स्मोकिंग छोड़ चुके होते है और आपके सामने कोई ऐसी स्थिति आ जाती है जहां पर आपका स्मोकिंग से सामना हो जाता है आपका भी मन करने लगता है की आप भी पी ले। ऐसी यहाँ पर कुछ स्थिति बताई गयी जहा से relapse होने के चांस होते है।
1. जब आप किसी को धूम्रपान करते हुए देखते हैं – When you see someone smoking
जब भी कभी आप किसी को स्मोकिंग करते हुए देखते है उस स्थिति में ये संभव है की आपका भी मन करेगा की आप भी एक कश लगा लें। ऐसी स्थिति कभी उत्पन्न ही न हो इसके लिए बहुत जरूरी है की आप उन जगहों पर जाने से बचे जहां पर स्मोकिंग होती हो। इस से आप खुद को स्मोकिंग करने से बचा पाएंगे।
2. भावुक होने ही स्थिति में – In an emotional state
जब आप भावुक होते है या आप की किसी से लड़ाई हो गयी होती है तब ये संभावना बढ़ जाती है आप स्मोकिंग करने के बारे में सोच सकते है इसलिए कोशिश कीजिये की कभी ऐसी कोई स्थिति पैदा न हो जहां पर आपको भावुक होना पड़े और आप स्मोकिंग के बारे में सोचे।
3. जब हम अपने दोस्तों को शराब और सिगरेट पीते हुए देखते हैं – When we see our friends smoking and drinking
Relapse तब भी हो सकता है जब आप अपने फ्रेंड्स को स्मोकिंग और ड्रिंकिंग करते हुए देखे ले और उन्हें पीता देख कर आपको उन्हें ज्वाइन करने का मन करने लगे। अक्सर पार्टीज में जब दोस्त शराब पी रहे होते है तब ऐसी situation आ जाती है जहां पर आपका मन करता है की आप भी सिगरेट को पी कर अपनी तलव मिटा ले।
4. जब हम बोर हो रहे होते है – When we are bored
अगला relapse होने की संभावना तब है जब आप बोर हो रहे हो, और आपका ध्यान फिर स्मोकिंग पर जा सकता है, इसलिए हमेश खुद को व्यस्त रखिये ताकि relapse से आप खुद को से बचा सके। Relapse से खुद को बचाना बहुत जरूरी है, नहीं तो ये संकल्प को कमजोर कर सकता है।
रोजाना कसरत करना – Exercise daily
ये एक जग जाहिर सत्य है की किसी भी तरह की मानसिक और शारीरिक सुस्ती को दूर करने का सबसे बेहतर उपाय रोजाना कसरत करना है। जब आप रोजाना कसरत करते है तब आपके बॉडी में खून का प्रवाह अच्छा होता है साथ ही बॉडी में ऑक्सीजन लेवल भी बढ़ता है और ये सब कुछ हमारे मूड को अच्छा रखते है। इसके साथ रोजाना कसरत करने पर हम गलत विचारो से दूर रहते है जिस से स्मोकिंग जैसे विचार मन में प्रवेश ही नहीं करते है।
हम उम्मीद करते है की आप ऊपर बताये गए जानकारी को अमल में लाएंगे और स्मोकिंग से जल्द से जल्द छुटकारा पाएंगे।