जानिए नारी सशक्तिकरण की एक अद्धभुत मिसाल पेश करने वाली किसान चाची के बारे में

भारतीय समाज वैसे तो सदियों से देवियों की पूजा करता आया है लेकिन अभी भी हमारे समाज में महिलाओ को दोयम दर्ज़े का नागरिक ही समझा जाता है यही वजह है की आज भी भारत में महिलाओ को वो आज़ादी नहीं मिलती है जो पुरुषो को मिलती है। भारत का पुरुष प्रधान समाज आज भी महिलाओ के प्रति नजरिया नहीं बदलता है जो महिलाओ के शोषण का सबसे बड़ा कारण है।

लेकिन फिर भी समय- समय पर भारत में कई ऐसी महिलाये आती रहती है जो समाज के इस रूढ़िवादी नज़रिये को बदलने का काम करती है। इन महिलाओ ने अपने कौशल से ये साबित किया है की मन के भीतर यदि संकल्प शक्ति मज़बूत हो तो नारीत्व कभी भी बाधा नहीं बनती है। सामाजिक दुश्वारियों को पीछे छोड़ वो समाज में अपना नाम दर्ज करवाया है।

आज हम आपको ऐसे ही व्यक्तित्व के बारे में बताने जा रहे है जिन्होंने काफी दुश्वारियों को झेलने के बावजूद भी अपने लिए एक मुकाम बनाया और ये साबित किया की महिलाएं भी देश और समाज में सम्मान के साथ जी सकती है, इसकी एक मिसाल पेश की।

किसान चाची (राजकुमारी देवी) Kisan Chachi (Rajkumari Devi) के बारे में –

जिन्हे आज पूरा देश किसान चाची के नाम से जानता है उनका असली नाम ‘राजकुमारी देवी’ है। किसान चाची बिहार में मुजफ्फपुर के सरैया प्रखंड में पड़ने वाले आनंदपुर की रहने वाली हैं। किसान चाची का जीवन शुरू से ही संघर्षपूर्ण रहा है। किसान चाची को शादी के बाद से घर-परिवार से बहुत तिरस्कार झेलना पड़ा, इनपर मुसीबतो का पहाड़ तब टूट पड़ा जब इन्हे घर से भी निकाल दिया गया। किसान चाची ने समाज व परिवार के विरोध के बावजूद निरंतर आगे बढ़ती रही लेकिन कभी हार नहीं मानी और अपने आप को सशक्त और आत्मनिर्भर करने के लिए पहले खेती की और उसके बाद में आचार बनाकर बेचना शुरू किया, यहाँ तक की उन्होंने अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए खुद साइकिल से घर-घर और बाजार जाने लगीं। इसके साथ ही, स्वयं सहायता ग्रुप्स के माध्यम से इन्होने अन्य महिलाओ को प्रेरणा देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद की।

2007 में मिला पहला बड़ा सम्मान –

2007 में किसान चाची को बिहार सरकार की तरफ से किसानश्री (kisanshri) सम्मान से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही वर्ष 2019 में इन्हे पद्मश्री (Padmashri) अवार्ड से भी सम्मानित किया गया। इसी के बाद ‘राजकुमारी देवी’ किसान चाची के नाम से मशहूर हो गई जिसके बाद से इनके चर्चे घर घर में होने लगे। अब किसान चाची महिलाओ के लिए आदर्श बन गयी थी और अपने न हार मानने वाले सोच के कारण महिलाओ के लिए रोल मॉडल बन गई।

अमिताभ बच्चन और नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात –

इसके बाद से किसान चाची ने कई बड़े बड़े हस्तियों से मुलाक़ात की जिससे उनकी और भी तेज़ी से देश भर के घर घर में चर्चे होने लगे। बता दें की किसान चाची ने आज के प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी तब मुलाक़ात की जब वो 2013 के शिल्प मेले में गुजरात गई थीं। वहीं उनकी मुलाकात पीएम नरेंद्र मोदी से हुई, और इसके साथ ही अभिनेता अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachhan) ने भी अपने मशहूर टीवी शो कौन बनेगा करोड़पति (kaun banega crorepati) में किसान चाची को बुलाया था जिसके साथ ही वो घर घर में मशहूर हो गई।

निसंदेह ऐसी कहानिया प्रेरित करती है की जीवन में कितनी भी समस्याएं क्यों न आ जाएं हमें हार नहीं माननी चाहिए। किसान चाची ने जो अपने काम से समाज और देश की महिलाओ को एक आशा की किरण दिखाई है जहाँ से प्रेरणा लेकर अन्य महिलायें भी अपना नाम समाज और देश में ऊँचा कर सकती है।

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