शांत रहकर नकारात्मक विचारो से छुटकारा पाने के 10 फायदे

क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है जब आपने किसी को कुछ कह दिया हो लेकिन बाद में आपने ऐसा महसूस किया की उसको वैसा नहीं बोलना चाहिए था ? या फिर कभी आप ने किसी से अनुचित शब्दों में बात कर ली हो, और बाद में आप महसूस करे की “उस व्यक्ति से उन शब्दों में बात नहीं करनी चाहिए थी अगर मैं शब्दों का चयन ठीक रखता तो बेहतर होता”। आज इस प्रकार के प्रश्न हम सब के भीतर किसी न किसी रूप में आ ही जाते है। उस समय हमको खुद पर बहुत शर्मिदगी महसूस होती है। लेकिन ये आज की वास्तविकता है की हर कोई अपने शब्दों पर लगाम नहीं लगता है और कई बार कुछ बोल जाता है जिसके बाद उसको खुद पर पछतावा होता है। ऐसा लगभग सबके साथ होता है जिनमे feelings होती है। आजकल की दुनिया में जहाँ सब लोग पैसे के पीछे भाग रहे है और उसके लिए वो दिन रात खूब मेहनत भी करते है। कई बार उनकी ऐसे लोगो से मुलाक़ात होती जिनसे वो कुछ ऐसा बोल देते है जिसको नहीं बोलना चाहिए ऐसे में ये समझना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है की हम अपने शब्दों को किस प्रकार नियंत्रित करे ताकि हमें कुछ भी बोलने के बाद पछतावा न हो।

अगर आज हम अपने आस-पास नज़र दौड़ाये तो हम पाते है की दुनिया में जितनी भी परेशानी Problems है सब कुछ गलत बोलने और गलत व्यवहार के कारण ही है। देश, समाज, या पारिवारिक स्तर पर जितने भी टकराव है उन सब की वजह गलत शब्दों का चयन ही है। अगर किसी से भी बातचीत और व्यवहार करते समय सही शब्दों का इस्तेमाल किया जाए तो किसी भी तरह के टकराव से बचा जा सकता है। साथ ही stress और tension भी लोगो की मुसीबातों को बढ़ा देते है जिसके कारण मौन का महत्व (silence) समझना बहुत आवश्यक जाता है की ये बुरे वक़्त से बाहर निकलने हमारी किस प्रकार से सहायता करता है।

आज के समय में जब इंटरनेट से संवाद करना बहुत आसान हो गया है, उस दौर में किसी से अनबन होना बहुत आसान है उसके बाद जिस  तरह की negative नकारात्मक विचार हमको घेर लेते है उस से बचना के लिए हम हर कोशिश करते है। नेगेटिविटी और मौनता दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए है। अगर व्यक्ति खुद को मौन कर ले अर्थात गैरजरूरी बातो को नज़रअंदाज करे और केवल महत्वपूर्ण बाते ही करे तब वो निश्चित रूप से खुद को negative विचारे के भंवर में नहीं पायेगा। उसको खुद में आनंद लेना आ जायेगा। आज इस लेख में हम आपको बताएँगे की आप किस प्रकार से negative विचारो को ‘मौन (silence)’ के द्वारा मात दे सकते है और मौन रहने में आपको कितना फायदा मिलेगा।

Table of Contents

चुप रहने के फायदे Benefits of being silent – Speak only when necessary

1. उत्पादकता और मौन (silence) का सम्बन्ध – Productivity and silence are related

अगर आप कोई भी काम करते है तो आप उस काम को करते समय यही प्रयास करते है की आप अपना सौ फीसदी उस काम को दें जिस से आपको अधिक से अधिक उत्पादन मिल सके। लेकिन अगर आपको काम करने के दौरान अलग-अलग तरह के negative विचार घेर ले या आपके आस-पास से बहुत शोर आये उस अवस्था में आप कभी भी अपना सौ फीसदी नहीं दे पाएंगे। साथ ही आप कभी भी अच्छी उत्पादकता की उम्मीद भी नहीं कर सकते है। इसलिए मौन रहने पर आपको ये सहूलियत मिलती है की आप अपने विचारो पर कण्ट्रोल कर पाएंगे और अपने काम को अच्छे से अंजाम दे पाएंगे।

2. मौन (silence) आपको अधिक धैर्यवान बनाता है – Silence makes you more patient

मौन (silence) आपको अपने  लक्ष्य की तरफ बढ़ाने में सहायता करता है वो आपको उन चीज़ो से दूर रखता है जिनसे आपका ध्यान भटक सकता है, साथ ही वो आपको अपने लक्ष्य के तरफ बढ़ने में और अधिक धैर्यवान बनता है। अगर आप लगातार मौन रहने का अभ्यास करते है तो आप पाएंगे की आपके भीतर एक ठहराव आ गया है जिसके कारण आप पहले से ज्यादा स्थिर और धैर्यवान बन गए है।

3. अपने सहज प्रवृत्ति को बढ़ावा दें – Improve your instincts

आप जब शांत रहना सीख जाते है, उसके बाद से ही आप अपने मन की गहराइयों में उतरते है, जहाँ से आप अपनी सहज प्रवृति को जान पाते है। आपकी सहज प्रवृति से मतलब है की आप की प्राकृतिक प्रवृति क्या है न की वो बनावटी जिसको आप आज तक दिखाते-फिरते थे। इसलिए खुद को जानने के लिए मौन रहना बहुत जरूरी है ताकि आप negative thoughts से बच सके silence के द्वारा। आपको बस silence रहने की लगातार प्रैक्टिस करते रहना है और आप निश्चित रूप से उस अवस्था में भी पहुंच सकते हो जहाँ पर से आपको खुद की सहज प्रवृति को जानने का मौका मिलेगा।

4. मौन के द्वारा जागरूक होना – To be aware through silence

जब तक आप मौन नहीं होते तब तक आप जागरूक नहीं हो सकते है। जब आप चुप होते हो तभी आपकी चेतना आपसे संवाद करना प्रांरम्भ करती है जिसके बाद आप जागरूकता की ओर बढ़ते जाते हो। इसलिए जागरूक होने के लिए ये बहुत आवश्यक है की आप निरंतर मौन silence होने का प्रयत्न करते रहे। एक बार जब आप इसका पूर्ण अभ्यास कर लेते है तब आप अपने काम को पहले से ज्यादा जागरूक तरीके से करेंगे, जिस से आपका काम पहले से बेहतर गुणवत्ता का होगा।

5. मौन (silence) आपको बेहतर समझने में मदद करता है – Silence helps you understand better

जब आप मौन हो जाते है, तब आप खुद को बहुत बेहतर तरीके से समझ पाते है। क्यूंकि इस समय आपको वो बाहर को शोर सुनाई नहीं देता और आप स्वयं में ही बेहतर समझ पाते है। इसलिए अगर आप खुद को, और खुद के क्षमता के बेहतर तरीके से समझना चाहते है तो आपको मौन रहना सीखना होगा। इसके लिए आप जितना प्रैक्टिस करे उतना कम है। एक बार जब आप ध्यान ओर चिंतन में डूब जायेंगे तब आपको बाहर का शोर सुनाई नहीं देगा।

6. मौन (silence) के माध्यम से अपनी रचनात्मकता को बढ़ाये – Increase your creativity through silence

हर व्यक्ति में कोई न कोई ख़ास बात जरूर होती है लेकिन अधिकतर समय ऐसा देखा गया है की, लोग धरातल पर अपने टैलेंट को रचनात्मकता के आभाव के कारण नहीं उतर पाते है। इस कारण वो हमेशा संघर्ष ही करते रहते है, इसलिए अगर आप भी अपने टैलेंट को सबको दिखाना चाहते है तो आपको मौन होना सीखना पड़ेगा तभी आप अपने टैलेंट को पोलिश कर पाएंगे ओर दूसरो को दिखा पाएंगे। इसके साथ ही साथ रचनात्मकता होने पर आप मौन की एक अवस्था और पार कर लेंगे जहाँ पर आपको केवल सुकून मिलेगा।

7. मौन (silence) आपके तनाव और दबाव को कम करने में सहायता करता है – Silence helps reduce your stress and pressure

कई बार हम बहुत ज्यादा टेंशन और परेशानी में होते है जिस कारण से हमको समझ नहीं आता की इस से बाहर कैसे निकले और बहुत कोशिश करने के बाद भी हम उस से नहीं निकल पाते है, वजह होती है गलत माहौल ओर मौन का आभाव। एक बार जब आप उस माहौल को छोड़कर किसी शांत माहौल में आते है, जहाँ पर मौन हो, तब आप बहुत रिलैक्स और हल्का महसूस करते है इसलिए कोशिश करे की आप अधिक से अधिक समय तक मौन रहे जिससे आप को तरह-तरह की परेशानी से निजात पाने में सहायता मिलेगा।

8. मौन (silence) रहने पर आप ध्यान केंद्रित कर सकते है – Silence helps you to concentrate better

इसमें कोई संदेह नहीं की हम जब भी ध्यान लगाते है, तब हमें अपने ध्यान लगाने के लिए किसी खास जगह की जरूरत  होती है जहा पर किसी भी तरह का शोर-शराबा न हो और हम अच्छे से ध्यान लगा सके। यहाँ पर ध्यान लगाने से मतलब है की आपको हमेशा अपने काम में focused रहना है और ये तभी होगा जब आपका ध्यान पूरा आपके काम पर केंद्रित होगा। इसलिए सदैव कोशिश करे की अधिक समय आपका मौन में बीते। मौन रहकर आप बहुत कुछ हासिल कर सकते है।

9. मौन (silence) रहने पर ऊर्जा की खपत कम होती है – Energy consumption is less when there is silence

व्यक्ति जब भी मौन रहेगा तो ये निश्चित है की उसकी ऊर्जा कम खर्च होगी। वो अपनी ऊर्जा को जितना बचाएगा उसको उतने अधिक लाभ होंगे। वो उस बची हुई ऊर्जा को किसी अन्य काम में लगाकर अपना समय बचा सकता है। आप आज के समय में जितना ऊर्जा बचाएंगे आपके लाभ भी उतने ही मिलेंगे इसलिए जवान लोगो को बुजुर्गों के मुकाबले अधिक वरीयता दी जाती है क्यूंकि उनमे ऊर्जा अधिक होती है इस ऊर्जा को आप भी हासिल कर सकते है, बस आपको चाहिए की आप मौन silence को अपनी जिंदगी का हिस्सा बना ले।

10. मौन (silence) आपको आपके उद्देश्य ढूंढने में सहायता करता है – Silence helps you find your purpose

किसी भी व्यक्ति के लिए उसका उद्देश्य बहुत आवश्यक होता है। जिसके पास जीवन का उद्देश्य नहीं होता उसका जीवन नीरस होता है। उसका जीवन एक गतिहीन और दिशाहीन गाडी के सामान है जो कही भी जा सकता है। इसलिए जीवन में एक उद्देश्य होना बहुत महत्वपूर्ण है, और मौन आपको सहायत करता है इस उद्देश्य की प्राप्ति करने में, आपको अपने उद्देश्य को ढूंढने और उसको प्राप्त करने के लिए निरंतर  मौन silence का अभ्यास करना है।

11. मौन (silence) निर्णय निर्माण की क्षमता में वृद्धि करता है Silence enhances decision making ability

कई बार ऐसा होता है की हम कोई निर्णय लेना चाहते है लेकिन हमें समझ नहीं आता की किस प्रकार से अपना निर्णय ले। वो कौन -कौन से आयाम है जिनको ध्यान में रख कर अपने निर्णय तक पहुंचना है। ऐसी स्थिति तब बहुत उभर के आ सकती है जब हमेंने मौन रहने की ट्रैंनिंग न ली हो। इसलिए अगर आप चाहते है की आप एक अच्छे निर्णयकर्ता बने तो आपके लिए ये बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है की आप मौन silence रहने की अधिक से अधिक प्रैक्टिस करे और स्वयं को बेहतर बनाये।

जीवन में मौन रहने का कितना महत्व है और इसके क्या-क्या फायदे इसको हमने इस लेख में बताने का प्रयास किया है। इस लेख में मौन रहने के बारे में कहा गया है, लेकिन इसका ये अर्थ नहीं लेना चाहिए की आपको किसी भी स्थिति में कुछ भी बोलना नहीं है। जहाँ जरूरत हो वहां पर आपको बोलना है लेकिन अपने शब्दों पर ध्यान रख कर। कभी भी जल्दबाज़ी में कुछ ऐसा न बोल जाये जिसके बाद आपको पछतावा करना पड़े। आप अपने जरूरत के हिसाब से बोल सकते है लेकिन उतना ही जितना आवश्यकता है। अनावश्यक बातो को बोलने से बचे।

ऊपर बताये गए बिन्दुओ पर अगर आप काम करेंगे और मौन रहने का अभ्यास जल्द से जल्द प्रारम्भ कर देंगे तो आपको इसके बहुत सारे लाभ देखने को मिलेंगे। ये बात सच है की आज के समय में मौन रहना बहुत कठिन कार्य है और वो भी तब, जब हर ओर से आप लोगो और वस्तुओ से घिरे हुए हो। लेकिन जब आप एक बार मौन silence रहने की प्रैक्टिस शुरू कर देते है, तो आपको उतनी दिक्कत नहीं होती। शरुआती दौर में आपको थोड़ा समय लग सकता है लेकिन एक बार जब आप स्टार्ट कर देते हैं तब आपको उतनी परेशानी नहीं होती और आप खुद में सकारात्मक सुधार पाते है। हम उम्मीद करते है आपको मौन रहने के लाभों से ‘लाभ’ होगा।

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