मानव जीवन पीड़ा और समस्याओ से भरा हुआ है। व्यक्ति कब किस परेशानी से घिर जाए कहा नही जा सकता, ऐसे मे व्यक्ति के सामने जो चुनौतियां आती है तो वो समझ नही पाता की वो उसमे से निकले कैसे और demotivate होता चला जाता है। जीवन मे आए problems से निकलने के प्रयास के चक्कर मे कई बार वो गलत रास्ते का भी सहारा लेने से नही चूकते, नशे (alcoholic) और पोर्न (porn addiction) की लत उन्ही मे से एक है। शुरुआती समय मे हो सकता है ये तात्कालिक उपाय कुछ राहत पहुचये लेकिन ‘लॉन्ग टर्म’ मे ये नुक्सान ही पहुचाते है जिस कारण लोग एक नयी तरह की समस्या मे फंस जाते है।
आजकल के lifestyle ने भी जीवन को बहुत ज्यादा प्रभावित किया है ‘unhygenic food habit’ उनमे से एक है। एक कहावत है जो बहुत प्रचलित है ‘जैसा अन्न वैसा मन’। आर्थात जैसा हम खाते है वैसा ही सोचते है और जैसा हम सोचते है वैसा ही हमारे व्यवहार मे झलकता है। इसलिए कहते है की हमेशा अपने अन्न को सात्विक वृति का रखना चाहिए ताकी विचार और व्यवहार मे सामंजस्य बना रहें।अन्न के साथ ही साथ रोजमर्रा के जीवन मे होने वाली घटनाएं भी हमारे जीवन पर बहुत ज्यादा प्रभाव डालती है जैसे हमारी संगत कैसी है, हम क्या देखते है, हम कहा घूमते है, ये सब चीजे हमारे मस्तिष्क मे फ़ीड होती जाती है और यदि हम सब इन चीज़ो को नकारात्मक नजरिये से देखते है तो ये हमारे भीतर रह कर हम धीरे-धीरे तोडते जाते है।
Table of Contents
नेगेटिव विचारो से बचने के तरीके How To Master Negativity :-
1. सही संगत का चुनाव – Choosing Right Company
बुरे और गलत विचारो से बचने मे सबसे सरल और प्रभावी तरीको मे से एक है सही संगत का चुनाव आर्थात यदि हमारी संगत या जिसे आम भाषा मे ‘कंपनी’ company कहा जाता है वो सही होगी तो हम निश्चित रूप से बुरे खयलो से दूर रहेंगे। व्यक्ति के आसपास का वातावरण कैसा है ये भी बहुत मायने रखता है, गलत लोगो के बिच उठना बैठना अदातो को बिगड़ देता है हम जो नही भी होते है वो भी बन जाते है क्युंकि ऐसे लोग अपनी विशेषताओ से कम और अपनी कामियो से दूसरो को बीमार करते है। इसलिए हमेशा अपनी संगत को अच्छा रखे।
2. सही भोजन का सेवन – Healthy Food Habits
इस दुनिया मे मानव अस्तित्व का यदि किसी चीज ने बचाया हुआ है तो वो है अन्न। अन्न ही ऐसी चीज़ है जिसके लिये पूरी दुनिया भागदौड़ कर रही है और उसके लिये हर तरह के चाहे ethical हो या unethical काम करने को तैयार है। लेकिन बहुत बार हमे जानकारी नही होती और हम गलत चीज़ों का सेवन करके अपनी problems को बढ़ने मे लगे रहते। कई बार ऐसा देखा गया है की जो व्यक्ति अपनी सही diet लेते है वो जीवनजनित कई तरह की चुनौतियो से आसानी से पार पा जाते है इसलिए सात्विक satvik भोजन पर अधिक ध्यान देना चाहिए at least तब तक जब तक की नेगेटिव विचारो से बाहर ना आ जाए।
3. बनावटी होने से बचना – Staying Away From Show Off
आजकल के भौतिकवादी संसार मे लोग एक simulation वाली जिन्दगी जी रहे है जहा उन्हे खुद नही पता की क्या सही है और क्या गलत है, दुसरे शब्दो मे चीज़ो को नही पहचान पाना एक बडी समस्या बनकर सबके सामने आया है जिस कारण लोग depression का शिकार हो रहे है और अंधकार भारी दुनिया मे जी रहे है। कई बार जो दिखता है वो सच कम और दिखावा ज्यादा होता है जैसे उसका हमारे वास्तविक जीवन से कुछ खास लेना देना तो नही होता लेकिन जब हम खुद को उस से जोड़ के देखने मे लग जाते है तो जो अंत मे हमारे हाथ आती है वो है निराशा। ‘एक धागा दो सिरे है क्या सही या गलत यहां’ ek dhaaga do sire kya sahi kya galat yaha किसी गाने की एक लाईन है जो आजकल के लोगो के जीवन मे घटित होती हुई बडी आसानी से देखा जा सकता है। लोग अपने समाजिक जीवन मे इतने दिखावटी हो गए है की ये पहचान पाना बहुत कठिन है की क्या उनके जीवन मे क्या सही है और क्या गलत उनको खुद भी अन्दाज़ नही होता है वो जिसको सच मान कर जी रहे है वो वस्तविक मे एक दिखावा है इसलिए नेगेटिव विचारो से बचना है तो दिखावे की दुनिया से बाहर आइये निश्चित रूप से ऐसा करने पर लाभ नज़र आयेंगे।
4. अपनी दिनचर्या सही करना – Choosing Correct Lifestyle
Lifestyle यानी हम अपनी ज़िंदगी कैसे जीते है उसमे सुधार करना है इसके अन्तर्गत कई सारी चीजे आती है जैसे हमारी दिनचर्या कैसा है, हम अपने पूरे दिन के काम को किस प्रकार से organise करते है, अपनी चाहनेवालो से कैसे मिलते है और उन्हे कितना समय देते है आदि। जीवन मे खुश रहने के सबसे सरल तरीको मे से एक है अधिक से अधिक समय अपने दोस्तो और और फैमिली को देना। इस से सबसे बड़ा फायदा तो ये होता है की हम जितने समय तक अपनी फैमिली या दोस्तो के साथ रहते है उतने समय तक हम engage रहते है जिस कारण उस समय नेगेटिव विचार हमारे आसपास भी नही भटकते है तो इसलिए जीवन मे खुश रहने का एक golden rule है अधिक से अधिक समय तक अपने प्रियजनो के साथ बिताना।
5. ध्यान के माध्यम से नकारात्मकता को हराना – Mastering On Thoughts By Meditation
भौतिक जगत मे बहुत सारी कमिया है और वो कमियाँ लोगो को पूर्णता से दूर लेके जाते है जिस कारण से आध्यात्म का महत्व बहुत बढ गया है। आधत्मिक जीवन जी के व्यक्ति अपने विचारो पर निश्चित रूप से मास्टरी कर सकता है। इन्ही मे से एक है meditation करना। जो लोग रोजाना meditation करते है वो दूसरो से बहुत आगे होते है चाहे उनकी सहनशक्ति, उनका व्यवहार, उनके सोचने का तरीका, उनकी हर चीज़ दुसरे से अलग होती क्युंकि meditation करके उन्होने अपने दिमाग पर काबू कर लिया होता है जिस कारण से वो सही और गलत के द्वंद्व मे फंसने से बच जाते है। इसलिए जीवन को पूर्णता की ओर ले जाने के लिये ये बहुत आवश्यक है की negativity से ग्रसित व्यक्ति रोज सवेरे कुछ देर ध्यान की मुद्रा मे बैठकर खुद को जानने की कोशिश करे।
हमेशा ये कहा जाता है की जीवन बहुत कीमती है और बहुत मुश्किल से मानव जन्म मिलता है लेकिन आधुनिकता और technological development ने सबके जीवन को पूरी तरह से बदल के रख दिया है लोग अपने द्वारा बुने हुए जाल मे खुद फंस गए है जैसे ही negativity का छोटा सा बीज मे मन मे आ जाता है तो कब दिमाग उसमे खुद खाद पानी डाल के उसको बड़ा करने मे लग जत है ये हमे पता भी नही लगता है। जीवन को पूर्णता की ओर लेके जाना अभी के टाईम मे कठिन ज़रूर है लेकिन नामुमकिन नही कोशिश करने पर अच्छे परिणाम जरूर देखने को मिलते है।