क्या है Georgia guidestones का रहस्य?

क्या हो अगर आपको ये पता लगे की दुनिया के किसी कोने में एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ कोई आता-जाता नहीं है और वहां पर एक चौंका देने वाली भविष्वाणी लिखी जिसको पढ़ के ही हाथ पैर फूलने लगे। जिसपर अभी भी मंथन किया जा रहा है की उन्हें वहां पर रखा किसने और उसके मायने क्या है, आखिर उनको वह पर रखने का क्या उद्देश्य है तो चलिए आज हम आपको एक ऐसे ही वीरान क्षेत्र के बारे में बताने जा रहे है जहां कुछ पत्थर रखे है और उनपर मानव जाती को लेकर कुछ भविष्वाणिया लिखी हुई है।

USA के Georgia नामक शहर में बंजर क्षेत्र में कुछ भारी भरकम पत्थरो रखे हुए है इन पत्थर पर अलग-अलग भाषा में कुछ पॉइंट्स लिखे है जिनका पढ़ने के बाद हैरानी होती है की इन्हे किसने लिखा और क्यों ? साथ ही ये भी संदेहस्पद है की इन्हे यहाँ पर रखा किसने ? इन ग्रेनाइट के पत्थरो की कुल संख्या पांच बताई जाती है। कोई नहीं जानता की इन पत्थरो को यहां रखा किसने लेकिन इसपर लिखे बातो को पढ़ने से ये अंदाजा लगाया जा सकता है की इनको यहां पर रखने का उद्देश्य हो सकता है की लोग, सर्वनाश के बाद की घटना को लेकर पहले से ही जागरूक हो। इस सर्वनाश की भविष्वाणी पहले ही कई ग्रंथो में की जा चुकी है।

इन पत्थरो पर दुनिया की आठ भाषाओ में विश्व को कुछ सन्देश देने वाले बिंदु लिखे हुए है इन आठ भाषाओ में से चार पहले ही विलुप्त हो चुकी जैसे  – प्राचीन यूनानी और मिस्र की hieroglyphs। इन पर लिखे दस दिशानिर्देशों ने दुनिया को चकित कर दिया है कई लोग इसे यूटोपियन Utopian से लेकर सतानिक Satanic गतिविधयों से जोड़कर देखते है। इन पर लिखे दस guidelines कुछ इस प्रकार है :-

1. प्रकृति के साथ संतुलन बना रहे इसके लिए आवश्यक है की मानव जाती की जनसँख्या 500,000,000 के अंदर हो।

2. प्रजनन को भली-भांति दिशानिर्देशित करना ताकि लोगो की फिटनेस और विविधता में सुधर हो सके।

3. मानव जाती को एक कॉमन भाषा के तहत जोड़ना।

4. नियम जुनून – विश्वास – परंपरा – और सभी चीजें संयमित कारण से।

5. न्यायपूर्ण न्यायालयों और उचित कानूनों के माध्यम से लोगो और राष्ट्रों की रक्षा करना।

6. राष्ट्रों को आंतरिक मामलो में शासन करने की छूट, लेकिन बाहरी मसलो को हल करने के लिए अंतराष्ट्रीय कोर्ट की सहायता लेना।

7. संकीर्ण कानूनों को छोड़ना और बेकार अधिकारियो से बचना।

8. व्यक्तिगत अधिकारों के साथ सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करना।

9. पुरस्कार सत्य-सौंदर्य-प्रेम- अनंत के साथ सद्भाव की तलाश करना।

10. पृथ्वी पर कैंसर की तरह मत रहो, प्रकृति के लिए जगह छोडो – प्रकृति के लिए जगह छोडो।

इन पत्थरो पर लिखे दिशानिर्देश एक कंट्रोवर्सी की विषय तो है ही साथ ही ये हैं सोचने पर मजबूर करते है की ऐसा लिखने के पीछे किसी का क्या प्रयोजन रहा होगा इसी के साथ साथ इस से जुडी बहुत सारी गलत या misinformation भी इंटरनेट पर तैरती रहती है जहां इनको एक अलग नज़रिये से दिखाया जाता है, दुनिया में रहस्मयी चीज़ो से अवगत रहने वाले लोग इसको बहुत तबज्जो देते है।

बहुत से लोग ऐसे भी है जो इसे लेकर भ्रामक जानकारी फैलाते है ऐसा हो सकता है की उन्हें जानकारी न हो या फिर वो कोई प्रयोजन से ऐसा कर रहे हो बात चाहे कुछ भी हो लेकिन ये सच है की पिछले कुछ वर्षो में इन पत्थरो ने सामान्य लोगो का ध्यान अपनी तरफ खींचा है। इन पर जो दस बाते लिखी है उनमे से कुछ तो विवादास्पद मालूम पड़ती है लेकिन बहुत सी बाते ऐसी है जो एक अच्छे विश्व की तरफ लोगो को ले जाने में मदद करेंगी। यदि बात की जाये इस पर लिखे जनसँख्या से सम्बंधित बिंदु की तो ये ही हमें ये बताता है की कैसा जनसँख्या जो की अभी लगभग सात अरब के आस पास है को 50 करोड़ पर होना चाहिए, लेकिन हो सकता है ये तब के लिए कहा गया हो जब विश्व तबाही के बाद, जो की पहले से ही पूर्वानुमानित है, होगा ही। ऐसा कहने के पीछे शायद उद्देश्य ये रहा होगा की मानव और प्रकृति के बीच एक संतुलन बना रहे और मानव प्रकृति पर बोझ बनने की वजह उसके साथ संतुलन बना के चले।

इसके अलावा जो दूसरा दिशानिर्देश इसमें दिया गया है वो है मानव को अपने प्रजनन को दिशानिर्देशित करना ताकि वो फिटनेस और एक हैल्थी लाइफस्टाइल जी सके। कई लोग ऐसा मानते है की अधिक आबादी और उच्च प्रजनन के कारण व्यक्ति की लाइफस्टाइल प्रभावित होती है और वो न तो अपनी केयर कर पाता है और न ही आने वाले भविष्य की, ऐसा संसाधनों की सीमितता के कारण होता है। विश्व की एक सांझी भाषा हो जिस से संवाद करने में सहूलियत हो ऐसा कहने वाले दुनिया में बहुत लोग है क्यूंकि वो मानते है की यदि एक सांझी वैश्विक भाषा होगी तो विज्ञानं, कला, संस्कृति आदि का प्रसार और तेजी से होगा जिस से ultimately लोगो का ही भला होगा।  इसमें जो तीसरा दिशानिर्देश है वो भी इसी बात की वकालत करता है की विश्व की एक कॉमन भाषा होनी चाहिए।

इसका पांचवा दिशानिर्देश कहता है की राष्ट्रों और लोगो को निष्पक्ष न्यायलयों के माध्यम से बचाना, उनके हितो की रक्षा करना। इसके ऐसा लिखे होने के बहुत मायने है, हो सकता है post apocalypse के बाद जिस प्रकार की व्यवस्था रहेगी उसमे न्याय का स्थान सर्वोच्च होगा जहां हर व्यक्ति को न्याय पाने का अधिकार होगा कोई भी किसी को परेशान नहीं कर सकेगा, चाहे कोई देश हो या कोई व्यक्ति। इसी के साथ अगला guideline बताता है की राष्ट्रों को आंतरिक मामलो में शासन करने पूरी छूट रहेगी लेकिन उनके बाहरी विवादों को अंतराष्ट्रीय न्यायलयों के माध्यम से सॉल्व करवाया जायेगा।

आखिरी के जो कुछ guidelines दिए गए है वो कई मायनो में सही बात की तरफ इशारा करते अर्थात गलत कानूनों छोड़ना, बेकार अधिकारी को दण्डित करना, पृथ्वी पर बोझ नहीं बनना आदि कुछ ऐसे दिशानिर्देश है जिनका पालन होना उचित है ताकि ये विश्व रहने के लिए और बेहतरीन हो जाये। ऊपर के कुछ विवादित बिन्दुओ को छोड़ दिया जाये तो इसमें लिखी कुछ बाते मानव के वर्तमान हित के लिए अच्छा है। इसको पढ़ते समय हमें इस बात का खास ध्यान रखना है की ये जो पत्थरो पर लिखी गयी बातें है वो post apocalypse मतलब सर्वनाश के बाद, यानी कई किताबो में जैसा बताया जाता है की दुनिया का विनाश निश्चित है तो उस विनाश के बाद की दुनिया ऊपर लिखे guidelines पर आधारित हो सकती है लेकिन इसकी कभी भी कोई पुष्टि नहीं की गई है। इसे अभी भी एक विवादास्पद नज़रिये से देखा जाता है।

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