यदि आप भी चाणक्य की कुटिलता को समझ, अपनी परेशानियों से छुटकारा पाना चाहते हैं और बुद्धि को तेज कर सफल होना चाहते है, तो इस लेख को आपको अंत तक पढ़ना है। आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे की chanakya niti kya hai, chanakya quotes in hindi, chanakya quotes on relationship , chanakya quotes on politics , चाणक्य कौन थे who is chanakya in hindi इसके अलावा हम ये भो देखेंगे की चाणक्य ने किस प्रकार से अपनी शिक्षाओं के माध्यम से देश और समाज को एकजुट करने का काम किया।
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चाणक्य कौन थे ? Who was chanakya ?
चाणक्य की शिक्षाओं को समझने से पहले उनके बारे में समझना अति महत्वपूर्ण है। यहाँ पर हम आपको who was chanakya in hindi, who was chanakya or kautilya, who was kautilya in hindi, के बारे में पूरी जानकारी मुहैया करवाएंगे। चाणक्य का असली नाम विष्णु गुप्त था, इनको ‘कौटिल्य’ के नाम से भी जाना जाता है। कौटिल्य (kautilya) उनको इसलिए बुलाया जाता है क्यूंकि वो अपनी कुटिलता के द्वारा राजनीतिक और आर्थिक नीतियों का निर्माण करते थे जिससे देश को चलाने में सहूलियत मिलती थी। कौटिल्य ‘चौथी शताब्दी ईसापूर्व ‘ (4th century BC) के एक महान अर्थशास्त्री और राजनीतिज्ञ थे। कौटिल्य से सम्बंधित बहुत सारी जानकारियों पर संशय बना हुआ है जिस कारण से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य को पुख्ता तौर पर नहीं बताया जा सकता है लेकिन ये बात तो जाहिर है की कौटिल्य एक करिश्माई व्यक्तित्व वाले व्यक्ति थे। कौटिल्य अपने समय से बहुत आगे चलते थे। मगध (magadh) और भारत के उत्थान में उनका बहुत बड़ा योगदान था। प्रचलित कहानियों के अनुसार कौटिल्य मगध निवासी थे और उन्होंने अपनी शिक्षा पूर्ण करने के लिए तक्षिला का रुख किया, जहाँ पर उन्होंने अपनी शिक्षा ग्रहण करने के बाद, वही पर एक आचार्य के रूप में अपनी सेवाएं देनी प्रारम्भ की। मगध के सम्राट ‘धनानंद’ (Dhananand) से अपने अपमान का बदला लेने के लिए वो मगध लौटे। अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए उन्होंने ‘चन्द्रगुप्त मौर्या’ (Chandragupt Maurya) को प्रशिक्षण देना आरम्भ किया, जिस के बाद उन्होंने मगध से मगध सम्राट धनानंद को उसकी गद्दी से उखाड़ फेंका और चन्द्रगुप्त मौर्या को सिंघासन पर बिठाया। सिर्फ अपने अपमान का बदला लेने के लिए ही नहीं विष्णुगुप्त ने मगध सम्राट धनानंद को सत्ता से बाहर किया। बल्कि उस दौर में मगध की जनता धनानंद के शासन से बहुत त्रस्त थी। धनानंद अपने नागरिको पर बहुत जुल्म करता था। बहुत अधिक टैक्स वसूल करके जनता को परेशान करता था। साथ ही धनानंद एक गैरजिम्मेदार शासक था और देश की सीमाएं उसके हाथों में असुरक्षित थी। इसलिए विष्णुगुप्त ने मगध से उसके शासन को समाप्त किया।
‘अर्थशास्त्र’ किसने लिखा है इसका क्या महत्व है – who wrote arthashastra what is its importance
कौटिल्य ने ‘अर्थशास्त्र’ (Arthashastra) नामक पुस्तक लिखा था। इस पुस्तक का दुनिया भर में खूब नाम है। इस पुस्तक में चाणक्य ने राजनीती की बारीकियों को बहुत ही विस्तारपूर्वक समझाया है। वैसे तो इस पुस्तक का नाम अर्थशास्त्र है लेकिन इसमें मुख्य रूप से राजनीती पर ध्यानकेंद्रित किया गया है। ऐसा माना जाता है की कौटिल्य द्वारा लिखित पुस्तक अर्थशास्त्र गुम हो गयी थी, जिसके बाद विभिन्न स्रोतों से एकत्र की गयी जानकारियों के माध्यम से इस पुस्तक को फिर से पुनर्जीवित करने का कार्य किया गया। अर्थशास्त्र में कौटिल्य ने राजनीती सम्बंधित उन सारे पहलुओं पर अपने विचार प्रस्तुत किये है जिनसे कोई भी व्यक्ति सीख ले सकता है और भविष्य की गलतियां करने से बच सकता है।
चाणक्य नीति क्या है ? What is ‘Chanakya Niti’ ?
अब हम आपको chanakya niti kya hai hindi पूरी जानकारी के बारे में विस्तार से बताएँगे। विष्णुगुप्त या कौटिल्य को उनकी चतुरता और तेज बुद्धि के कारण जाना जाता है। उन्होंने अपनी कुटिलता का प्रयोग कर बड़े-बड़े साम्राज्यों को झुकाया था। बात की जाए की chanakya niti kya hai और इसको हम अपने जीवन पर किस प्रकार लागू करके लाभ उठा सकते है। ‘चाणक्य नीति’ एक नीति ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ में जीवन को किस प्रकार से बेहतर बना, अपने अस्तित्व को ऊँचा उठाने के बारे में बड़े ही बढ़िया ढंग से ‘सूत्रात्मक शैली’ में बताया गया है। इस ग्रन्थ की रचना के पीछे का उद्देश्य लोगो को धर्म, संस्कृति, न्याय, शांति आदि के बारे में जागरूक करना है। यदि आप इस पुस्तक को पढ़ते है तो आपको अपने जीवन से सम्बंधित बहुत सारे प्रश्नो के जवाब मिल जायेंगे। कौटिल्य द्वारा लिखित इस पुस्तक में से कुछ महत्वपूर्ण सूत्रों को छांट कर, उनके बारे में विस्तार से बताया गया है जो हमें जरूर पता होना चाहिए। यही पर हम आपको what is chanakya niti hindi के बारे में विस्तारपूर्वकक जानकारी देने वाले हैं।
1. अपना उद्देश्य कभी भी उजागर न करे – Never reveal your Goal
इस परिच्छेद में हम chanakya on goal in hindi के बारे में जानेंगे। जीवन में हर व्यक्ति का कोई न कोई goal तो जरूर होता है, जाहिर है आपका भी होगा! लेकिन क्या आप जानते है की चाणक्य नीति में ये बताया गया है की आपको कभी भी अपने goal के बारे में किसी से डिस्कश नहीं करना चाहिए। ऐसा कहने का मतलब ये है की आपको अपने goal को तब तक सीक्रेट रखना चाहिए जब तक की आप उसको हासिल न कर लें। लेकिन यहाँ पर ध्यान देने वाली बात ये है की आपको अपने उद्देश्य को केवल उन लोगो से छुपा के रखना है जो आपसे जलते है या आपके प्रतिस्पर्धी है। ऐसा करना इसलिए जरूरी है क्यूंकि, मान लीजिये आप अपना उद्देश्य उजागर कर देते है तो आपका प्रतिस्पर्धी भी उन उद्देश्यों को बारे में जान, उसके लिए लालायित हो जायेगा और हो सकता है, आप उसको उन उद्देश्यों तक पहुंचने के लिए कुछ रास्ते भी बता दे तो वो भी उनका उपयोग कर आपको चुनौती देने का काम करेगा। और जो लोग आपसे जलते है अगर वो आपके उद्देश्य के बारे में जान जायेंगे तो वो रोज आपको तब तक ताना मरेंगे जब तक की आप अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर लेते है। लक्ष्य प्राप्ति से पहले ही अगर आप ऐसे तानो को रोजाना सुनेंगे तो आप demotivate हो सकते हैं। इसलिए हमेशा, आपको अपने goal के बारे दूसरो को बताने से बचना है।
2. आराम ढूंढने वाला व्यक्ति क़ामयाब नहीं हो सकता – A person who seeks comfort cannot succeed
हमारे लिए ये जानना बहुत महत्वपूर्ण है की चाणक्य का कठिन परिश्रम (chankya on hard word) पर क्या विचार थे। चाणक्य नीति में बताया गया हैं की जो व्यक्ति सदा आराम की खोज में रहता है और कठिन परिश्रम करने से बचता है वो जीवन में कभी भी कामयाब नहीं हो सकता। एक व्यक्ति जो कामयाब होना चाहता है और कुछ बड़ा बनाने की लालसा रखता है उसके लिए ये बहुत जरूरी है की वो अपने comfort zone से बाहर निकले और मेहनत करके, खुद को काबिल बना, अपने लक्ष्य तक पहुंच, अपना नाम समाज में ऊँचा करे। इसलिए अगर आप भी जीवन में कामयाब होना चाहते है तो आपको अपने confort zone से बाहर निकल कर मेहनत करनी होगी, तभी आप कामयाब हो सकते हो। चाणक्य की ये बात आजकल के युवाओ पर अच्छे से लागू होती है। आज के युवा अपना समय गलत चीज़ो में बर्बाद कर स्वयं का भविष्य बर्बाद कर रहे है।
3. नकारात्मक लोगों से दूर रहें – Stay away from negative people
चाणक्य के द्वारा कही गयी बातें आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी पुराने समय में हुआ करती थी। यहाँ पर हम आपको बताएँगे chanakya on negative thoughts in hindi के बारे में, आचार्य विष्णुगुप्त ने बताया है की आपको हमेशा negative यानी नकारात्मक लोगो से दूर रहना है। जब आप नकारात्मक लोगो से दूर रहते है तो आप खुश और सकारात्मक ऊर्जा (Positive energy) से भरे हुए होते है। ये सकारात्मक ऊर्जा आपको अपना ध्यान अपने काम में लगाए रखने में मदद करती है। वहीँ अगर आप नेगेटिव लोगो के साथ रहते है तो आप अपनी ऊर्जा को गलत दिशा में ले जा रहे होते है। नकारात्मक व्यक्ति अपनी नकारात्मक सोच से आपको भी नकरात्नक बना सकता है इसलिए आपको सदैव सही लोगो के साथ रहना है जो positive या सकारात्मक सोच रखते हो।
4. सांप के जहरीला न होते हुए भी उसे ज़हरीले होने का दिखावा करते रहना चाहिए – Even though a snake is not venomous, it must pretend to be venomous.
कौटिल्य का ये सूत्र बहुत ही मशहूर है। आपने भी इस मशहूर सूत्र को कभी न कभी सोशल मीडिया पर देखा जरूर होगा। यहां पर chanakya quotes in hindi के बारे में बताया गया है। ईस सूत्र में चाणक्य ने बताया है की जो भी कमजोर है या अगर उसे किसी चीज़ से डर लगता है तो उसे ये बात किसी को नहीं बतानी चाहिए। अगर उसके शत्रुओ को उसके डर के बारे में पता चल गया तो वो उसको परेशान करने का एक मौका नहीं छोड़ेंगे। इसलिए आपको अपने राज को स्वयं तक ही सीमित रखना है। कभी भी किसी भी सूरत में अपने राज किसी को न बताये।
5. गलती करने के बाद पछतावा जरूर होता है – There is remorse after making a mistake
आचार्य चाणक्य ने अपने सूत्रों में बताया है की ये मानव का स्वाभाव है की पहले वो गलती करता है उसके बाद पछताता है। आज ये बात उनकी बिलकुल सटीक बैठती है। आज हर कोई गलती करने के बाद पछता जरूर रहा है। वो बताते है की आपको कोशिश करनी चाहिए की जो गलती दूसरे लोग कर रहे है उस से सीख लें और उसको दोहराने से बचें इस से आप जो वही गलती करने वाले थे, उस गलती को करने से बच जायेंगे और अपना समय किसी अन्य कार्य में लगा पाएंगे।
6. लालची को पैसे से, अभिमानी को अधीनता का एहसास करा के, मुर्ख को सरल भाषण से और बुद्धिमान को सत्य से नियंत्रित किया जा सकता है – The greedy can be controlled by money, the arrogant by feeling submissive, the foolish by simple speech and the wise by truth
चाणक्य नीति में बताया गया है, की कोई किस प्रकार से मूर्ख, लालची, घमंडी और विद्वान व्यक्ति को अपने वश में कर सकता है। ये बात जगजाहिर है की किसी मुर्ख व्यक्ति और किसी समझदार व्यक्ति से आपनी बात को मनवाना बहुत कठिन कार्य है। ऐसे में ये सूत्र बहुत काम का है जहाँ बताया गया है की किस प्रकार से आप अलग-अलग स्वाभाव व प्रकृति वाले व्यक्ति को किस तरह से कण्ट्रोल करे ताकि वो आपकी बात मान लें। जो लोग लालची है उनको पैसा देकर आपनी बात को मनवाया जा सकता है क्यूंकि ऐसे लोग पैसा के ही भूखे होते है और पैसा देख कर ये आसानी से किसी की बात मान लेते है। जो लोग अभिमानी होते है उनके साथ हमेशा ऐसा व्यवहार करना चाहिए की वो ‘हमसे बड़े है’ जैसे ही आप उनके सामने ऐसा नाटक करते हैं, वो आप की बात मानने के लिए तैयार हो जाते है। अभिमानी लोग हमेशा अपने घमंड में ही चूर रहते है और वो किसी की नहीं सुनते इसलिए ये सूत्र बहुत काम का साबित होगा आप इसे अपने वास्तविक जीवन में इस्तेमाल करे।
किसी मुर्ख व्यक्ति को वश में करने लिए उसके साथ बस अच्छी-अच्छी बाते कर लीजिये या उसको दुनिया का बहुत ही मामूली ज्ञान दे दीजिये वो आपसे बहुत प्रभावित हो जायेगा और आपको बहुत ज्ञानी समझ आपकी इज्जत करेगा। ऐसे लोगो को वश में करना काफी आसान होता है । सबसे कठिन होता है बुद्धिमान लोगो को वश में करना, लेकिन चाणक्य के इस सूत्र के माध्यम से आप किसी बुद्धिमान व्यक्ति को भी control कर सकते है बस इसके लिए आपको उस व्यक्ति को सच बात बतानी है। जो लोग बुद्धिमान होते है उनको बहुत सी बाते पहले से ही पता होती है इसलिए अगर आप उनसे झूठ बोलेंगे तो वो आपको बड़ी ही आसानी से पकड़ लेंगे।
7. असली शक्ति बुद्धिमान में होती है शारीरिक विशालता में नहीं – The real power lies in the wise, not in the physical vastness
चाणक्य ने शक्ति पर क्या कहा है इसके बारे में हम यहां बताएँगे (chanakya quotes on power)। चाणक्य कहते है की व्यक्ति की असली शक्ति उसकी प्रतिभा, गुण और बुद्धिमता में होती है। कोई व्यक्ति कितना विशाल ही क्यों न हो अगर उसमे बुद्धि नहीं है तो उसको एक सामान्य शरीर का व्यक्ति भी बड़ी ही आसानी से पराजित कर सकता है। जिस प्रकार एक चींटी अपने से कई गुना बड़े हाथी को परेशान कर सकती है उसी प्रकार एक बुद्धिमान व्यक्ति किसी भी शारीरिक आकर के व्यक्ति को अपनी चतुराई से व्याकुल कर सकता है। यहां पर शारीरिक आकार से ज्यादा व्यक्ति की बुद्धिमता पर जोर दिया गया है।
8. किताबें और मूर्तियां ऐसे व्यक्ति की सहायता नहीं कर सकती जिसके पास खुद का दिमाग न हो – Books and sculptures can’t help a person who doesn’t have a mind of his own
यहां पर उन लोगो की तरफ इशारा किया गया है जो लोग अपने दिमाग का उपयोग नहीं करते। इस दुनिया में ऐसे बहुत से लोग है जो अपनी बुद्धि का इस्तेमाल किये बगैर काम करते है। उन लोगो के बारे में यह कहा गया है की ऐसे लोगो के लिए किताबे और मूर्तियां काम की नहीं क्यूंकि अपना दिमाग न इस्तेमाल करने के कारण ऐसे लोगो को कुछ भी समझ नहीं आता है। उनको कितना भी समझा लीजिये वो कुछ भी नहीं समझ पाएंगे। इसलिए यहां कहा गया है की किताबें और मूर्तियां उन लोगो के लिए व्यर्थ है जो अपना दिमाग नहीं लगाते।
9. हर दोस्ती के पीछे एक स्वार्थ छुपा होता है – Behind every friendship lies a selfishness
दुनिया में जितने भी लोग है सबके friends जरूर होते है। लेकिन यहां पर चाणक्य ने बताया है की हर दोस्ती के पीछे सबका कुछ न कुछ छिपा हुआ हित जरूर होता है। इसको सामान्य दोस्ती से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। बिज़नेस में जो दोस्ती होती है उसके लिए चाणक्य ने ऐसा कहा है की वो बिना स्वार्थ के दोस्ती हो ही नहीं सकती है। इसलिए जब भी दोस्ती करे तो सोच-समझ कर करे।
आशा करते है की आपको chanakya niti kya hai hindi और who is chanakya in hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गयी होगी। चाणक्य नीति के सूत्रों को अगर आप अपने जीवन में उतारते है तो इस से निश्चित रूप से आप को लाभ मिलेगा। आप जीवन के उन गूढ़ रहस्यों से अवगत हो पाएंगे जिन्हे आचार्य चाणक्य ने सैकड़ो साल पहले लिख दिया था। इस बात में कोई गुंजाईश नहीं है की ये सूत्र आज भी उतने ही प्रासंगिक बने हुए है जितने पुराने समय में हुआ करते थे। इनकी यही प्रासंगिकता इन सूत्रों को आज भी जीवित किये हुए है और चाणक्य नीति सभी नीतियों की नीति है।