कुरुक्षेत्र (Kurukshetra)के मैदान मे जब अर्जुन (Arjun) युद्ध लड़ने से मना कर रहे थे तब भगवान श्री कृष्ण (Lord Shri Krishan)ने अर्जुन को जो ज्ञान दिया वो ज्ञान ना केवल अर्जुन के लिये था अपितु समस्त मानवजाति के लिये था, श्री कृष्ण द्वारा दिया गया ज्ञान किसी भी निराश व्यक्ति के भीतर एक नयी ऊर्जा का संचार कर सकता है, उसको जीने का एक नया सलीका सीखा सकता है। जब कौरवो और पांडवो (Pandavs) मे भीषण युद्ध होने वाला था तब अर्जुन द्वारा युद्ध के लिये मना करने पर भगवान द्वारा दिया यह अद्भूत ज्ञान आज करोड़ों-करोड़ लोगो की जिन्दगी साँवर रहा है।
भगवद् गीता (Bhagwat Geeta) भगवान कृष्ण और अर्जुन की बिच हुए संवादो का काव्यात्मक वर्णन है जिसमे भगवान ने अर्जुन को सही और गलत का पाठ पढाया है। आज हम आपके लिये भगवद् गीता से उन 10 महत्वपूर्ण पाठो को खोजा है जिसको पढ्ने के बाद आपके भीतर एक नयी ऊर्जा का संचार होगा और आप पहले से ज्यादा motivated महसूस करेंगे, जो आपको अपने काम मे फोकस करने मे बहुत मदद करेगा।
Table of Contents
1. शरीर नश्वर है और आत्मा अविनाशी – Body is mortal while the soul is immortal
भगवान श्री कृष्ण कहते है की हमारे शरीर को तो मार जा सकता है लेकिन हमारी आत्मा को नही, हमारी आत्मा अमर है जिसको मरना असम्भव है। इस को भगवान एक एक फटे-पुराने कपडे के माध्यम से समझाया है की जैसे हमारे कपडे पुराने हो जाते है तो हम नए कपडे ले आते है ठीक उसी प्रकार जब हमारी शरीर बेजान हो जाती है तो हमारी आत्मा दूसरा शरीर धारण कर लेती है।
2. भय ना रखे – Do not Afraid
किसी भी व्यक्ति मे जो सबसे बडा डर होता है वो है मृत्यु का भय, ये भय ही मनुष्य को नकारत्मकता (Negativity) की ओर धकेलता है जिस से व्यक्ति अपने जीवन को उलझनो से भर लेता है। भगवान श्री कृष्ण कहते है की अपने भीतर के डर को बाहर कर दो तब ही आप सुकून से जी पायेंगे। ज्यादा अधिक सोचने पर जीवन पीड़ा और दुखो से भर जाता है।
3. क्रोध इन्सान को भ्रमित करता है – Anger Makes One Deceptive
इन्सान की सबसे बडी कामियो मे से एक क्रोध करना। जब भी कोई व्यक्ति क्रोधित होता है तो वहा अपना आपा खो बैठता है जिस कारण से वो खुद को किसी ना किसी रूप मे नुक्सान पहुंचाता है, इसलिए सदैव संयम रखे और सोच समझकर कर अपने फैसले लें।
4. संदेह नही करना – Do Not Doubt
खुद की काबिलियत पर शक़ करना मनुष्य की सबसे बडी कामियों मे से एक है, जब व्यक्ति खुद की क्षमताओ पर संदेह करता है तब वो जाने अनजाने मे अपने जीवन को पहले से ओर कठिन बना रहा होता है उसे पता नही होता है की वो संदेह रूपी जिस बीज को बो रह है वो बीज वृक्ष बनने के बाद उसके जीवन को तबाह कर देगा इसलिए कभी खुद की काबिलियत पर संदेह ना करे।
5. हमेशा संयम से काम ले – Always Have Control On Yourself
जीवन मे संयम का अत्यधिक महत्व है, मनुष्य जब भी परेशानियो से घिरा होता है तो वो समझ नही पाता की वो अपने दुखो से कैसे मुक्ति पाये और कोई मार्ग नही मिलने पर वो संयम खो बैठता है जिस कारण वो पहले से बडे मुसीबत मे पड़ जाता है इसलिए जब भी कभी आपको लगे की आप अपना संयम खो रहे है तो हमेशा ध्यान और चिंतन का मार्ग चुनिये वो कभी भी आपको गलत राह पर नही जाने देंगे।
6. खुद की इच्छाओ पर काबू पाना – Controlling Self Desire
मन बहुत चंचल होता है ये कभी भी एक विषय पर नही टिकता, ये सदैव विचरण करता रहता है। चंचल मन हमेशा आराम की इच्छा रखता है जिस कारण वो उन सारे पाप को करने की छुट देता है जिसको एक व्यक्ति को करने से रोकना चाहिए। खुद की इच्छाओ पर काबू पाना अती आवश्यक है ताकी व्यक्ति खुद की क्षमताओ को पहचान कर, अपने लिये एक आदर्श उपभोग की सीमा निर्धारित कर सके। अगर आप भी किसी भी तरह से अपने इच्छाओ के बस मे है तो जल्द से जल्द उस से निकलने का प्रयत्न किजीए।
7. स्वार्थी बनने से बचे – Do Not Become Selfish
मानव जीवन बहुत ही मुश्किल से मिलता है, लेकिन कई बार अहंकारवश लोग इंसानियत भूल स्वार्थी बन जाते है और ये स्वार्थ उन्हे अन्धा बना देता है जिस कारण वो कभी भी दुसरे की अच्छाई नही देख पाते है। इसलिए सदैव स्वार्थी बनने से बचे और केवल स्वयं के बारे मे ना सोचे दूसरो को भी सम्मान दें और प्यार के भाव से देखे।
8. जो भी होता है, अच्छे के लिये होता है – Whatever Happens, Happens For Good
जब कभी भी कुछ बुरा होता है तो हम उसको लेकर बहुत अधिक चिंतित रहते है और दिन भर उसी बात को लेकर बैठे रहते है। सोचते रहते है की अगर मैने उस परिस्थिति मे वैसे किया होता, या उसको ऐसा जवाब दिया होता तो मैं परेशान नही रहता, इसी तरह के विचार मन मे कौंघते रहते जो बीत भी गया है मन उसी के बारे मे तब तक सोचता रहता है जब तक की उसे कोई दूसरा विषय नही मिलता। इसलिए ध्यान रखे जो गलत हुआ और बीत गया उस से सबक लें और जीवन मे आगे बढ जाए नही तो अशांत मन शरीर को भीतर ही भीतर खा जायेगा।
9. अपने कर्तव्यो का सदैव निर्वाहन करे – Always Obey Your Responsibilities
मनुष्य एक समाजिक प्राणी है, और एक समाजिक प्राणी होने के नाते उसे एक इन्सान होने के नाते हमेशा पूरा करना होता है चाहे वो एक बच्चे के रूप मे विद्यार्थी के दायित्वो का निर्वाहन करना हो या एक नागरिक के रूप मे देश सेवा हो या व्यस्क काल मे अपने माता-पिता की सेवा करना हो, उसे हमेशा अपने दायित्वो का भान होना चाहिए और उसी के अनुरूप उसे अओना आचरण रखना चाहिए। जो व्यक्ति भी इन बातो पर अमल करेगा वो निश्चित रूप से जीवन के प्रत्येक विषय मे सफल होगा।
10. कर्म करने पर ध्यान होना चाहिए, उसके फल पर नही – Always Focus On Doing Best And Do Not Worry About The Results
मनुष्य अपने जीवन काल मे सदैव कुछ ना कुछ शुरु जरूर करता है ये एक वास्तविकता है, और उस से भी बडी वास्तविकता ये है की वो कोई भी कार्य शुरु करने से पहले उसके फल की चिंता करने मे लगा रहता है जिस कारण वो कभी भी अपने मूल काम पर ध्यान लगाने की वजाय उसको द्वारा होने वाले लाभ की फिक्र करने मे अपना अधिक समय बर्बाद कर देता है। इसलिए भगवान श्री कृष्ण कहते है की हमेशा कर्म करने पर मनुष्य का ध्यान चाहिए उसके फल की चिंता नही करनी चाहिए।
जो भी मनुष्य इन सभी बातो को पूरी निष्ठा से धारण करता है, वो एक बेहद ही खूबसूरत जीवन व्यतीत करता है जो उसको सदैव सुकून की तरफ ले जायेगा। इनका पालन करने से व्यक्ति कभी भी नकारात्मकता की तरफ नही जाता, और जीवन मे कभी भी असफल नही होता है। आप भी अपने जीवन मे इन बातो को जरूर लागू करे, निश्चित लाभ देखने को मिलेंगे।